RAC (Reservation Against Cancellation) भारतीय रेलवे का एक प्रकार का टिकट है जिसमें यात्री को आधी सीट दी जाती है और यात्रा करने की गारंटी होती है। हालांकि, पूरी बर्थ मिलने की गारंटी नहीं होती।
RAC टिकट की मुख्य विशेषताएँ
- यात्री को आधी सीट मिलती है (Berth share करना पड़ता है)।
- ट्रेन में यात्रा करने की गारंटी है।
- कंफर्म टिकट कैंसिल होने पर RAC यात्री को पूरी बर्थ मिल सकती है।
- RAC टिकट कभी Waitlist की तरह कैंसल नहीं किया जाता, हमेशा यात्रा की अनुमति रहती है।
RAC टिकट कब कंफर्म होता है?
- कंफर्म टिकट के कैंसल होने पर
- यात्रा के दौरान यदि कोई यात्री ट्रेन में नहीं चढ़ता
- चार्ट बनने के बाद यदि कोई खाली बर्थ बच जाती है
RAC टिकट की कंफर्मेशन संभावना (Probabilities)
टिकट स्टेटस | संभावना |
---|---|
WL → RAC | 70% तक |
RAC → CNF (यात्रा से पहले) | 50% तक |
RAC → CNF (यात्रा के दौरान) | 20% तक |
RAC टिकट के फायदे और नुकसान
फायदे:
- ट्रेन से मना नहीं किया जाएगा
- कम से कम आधी सीट मिलती है
नुकसान:
- सोने में दिक्कत होती है
- हमेशा पूरी बर्थ नहीं मिलती
RAC टिकट कैंसिलेशन और रिफंड
यदि RAC टिकट कैंसिल किया जाए तो यात्री को सामान्य कैंसिलेशन नियमों के अनुसार रिफंड मिलता है।
RAC टिकट से जुड़े सवाल (FAQ)
RAC टिकट पर यात्रा करने का क्या मतलब है?
इसका मतलब है कि आपको आधी सीट मिलेगी, यात्रा की अनुमति होगी लेकिन पूरी बर्थ की गारंटी नहीं है।
क्या RAC टिकट हमेशा कंफर्म हो जाता है?
नहीं, यह केवल तब कंफर्म होता है जब कंफर्म यात्री टिकट कैंसिल करें या ट्रेन में न चढ़ें।
क्या RAC यात्री को ट्रेन से चढ़ने से रोका जा सकता है?
नहीं, RAC टिकट पर यात्रा करना गारंटीड है।